उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की सेहत पर दुनियाभर के फैली अफवाह के बीच अब उनकी बहन पर किम यो जोंग सबकी नजरें टिक गई हैं। लोग उन्हें किम का उत्तराधिकारी मान रहे हैं।
किम 15 अप्रैल को अपने दादा किम इल सुंग के एक कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए थे। ऐसा पहली बार हुआ था। इसके बाद से कई कयास लगने शुरू हो गए थे। उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया सबकुछ ठीक होने का दावा कर रही है लेकिन दुनियाभर में किम जोंग उन की सेहत को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। उनके गंभीर रूप से बीमार होने के साथ साथ उनकी मौत को लेकर भी अफवाहों का बाजार गर्म है। उत्तर कोरिया के मामलों पर नजर रखने वाले दक्षिण कोरिया के अखबार डेली एनके के मुताबिक, 12 अप्रैल को किम की कार्डियोवेस्कुलर सर्जरी हुई थी। जिसके बाद उनकी हालत खराब हो गई। अगर ये बातें सही हों तो सवाल उठता है कि उत्तर कोरिया में किम जोंग उन की जगह कौन लेगा? ऐसे में उनकी बहन किम यो जोंग का नाम सामने आ रहा है।

स्विट्जरलैंड से की है पढ़ाई, अपने पिता की पांचवी संतान हैं
किम यो जोंग पूर्व तानाशाह किम जोंग-इल की पांचवीं और सबसे छोटी संतान हैं। 31 साल की किम यो जोंग की पढ़ाई अपने भाई की तरह स्विटजरलैंड में हुई है।साल 2002 में वह अपने देश लौट आईं थीं। वे पोलित ब्यूरो की सदस्य हैं और प्रचार एवं आंदोलन विभाग की असिस्टेंट डायरेक्टर भी हैं।
किम की इमेज के पीछे रहा है उनकी बहन का दिमाग
विशेषज्ञों का मानना है कि देश और विदेश में किम की सार्वजनिक छवि बनाने के पीछे किम यो जोंग का ही दिमाग रहा है। उन्हें किम जोंग उन की 'सीक्रेट डायरी' भी कहा जाता है। माना जाता है कि वह अपने भाई को कई मुद्दों पर सलाह भी देती हैं और उनकी कई कामों में भागीदारी भी होती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ किम जोंग उन की न्यूक्लियर समिट को भी उन्हीं का दिमाग बताया जाता है। साल 2018 में विंटर ओलंपिंक खेलों में किम यो जोंग ने अपने भाई की जगह पर नॉर्थ कोरिया का नेतृत्व किया था। इसके बाद उनकी सत्तारूढ़ पार्टी में हैसियत और भी बढ़ गई थी। किम उनपर बहुत भरोसा करते हैं। मालूम हो कि किम ने कथित राजद्रोह के लिए अपने ही चाचा को फांसी दे दी थी।
दक्षिण कोरिया को कहा था- भौंकने वाला डरा हुआ कुत्ता
पिछले महीने किम यो जोंग ने अपना पहला पब्लिक स्टेटमेंट दिया था। उत्तर कोरिया की मिलट्री एक्सरसाइज पर दक्षिण कोरिया की ओर से विरोध जताए जाने पर उन्होनें कहा था, ‘भौंकने वाला डरा हुआ कुत्ता’। मार्च में उन्होंने डोनाल्ड ट्रम्प की प्रशंसा भी की थी। दरअसल, डोनाल्ड ट्रम्प ने किम को लेटर लिखा था, इसमें दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध बनाने और कोरोना महामारी में मदद देने की बात कही थी।
उत्तर कोरिया में इस तरह होता है उत्तराधिकारी का चुनाव
1948 में स्थापना के बाद से ही उत्तर कोरिया पर किम परिवार के सदस्यों का शासन रहा है। उत्तर कोरिया की संसद ‘सुप्रीम पीपल्स एसेंबली’ उत्तराधिकारी की घोषणा करती है, लेकिन यह केवल आधिकारिक घोषणा होती है। असल में सर्वोच्च नेता का चुनाव किम का परिवार ही करता है। किम के दादा किम इल सुंग ने उत्तर कोरिया की स्थापना की थी। उनकी मौत के बाद 1994 में किम के पिता किम जोंग इल नेता बने थे। किम जोंग इल ने अपने बेटे किम जोंग उन को सत्ता सौंपी। दरअसल, उत्तर कोरिया में कई तरह के झूठ फैलाकर ये बताया गया कि किम का परिवार ही देश को संभाल सकता है। किम के परिवार के लोग शासन करने के लिए ही जन्म लेते हैं। इसके साथ ही देश में किम के परिवार से हटकर बोलने वालों को मौत की सजा तक दी जाती है। इसके चलते कोई भी आवाज नहीं उठाता है।